तिरुवनंतपुरम। केरल के मुवत्तुपुझा में मॉब लिंचिंग की घटना में गंभीर रूप से घायल अरुणाचल के श्रमिक की मौत हो गई है। एक घटना में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं बाकी की तलाश जारी है।
बता दें कि, अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले 24 वर्षीय प्रवासी श्रमिक अशोक दास गुरुवार (4 अप्रैल 2024) को अपनी एक महिला सहकर्मी से मिलने जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने कथित तौर पर उन्हें रोका और एक खंभे से बाँधकर बुरी तरह पीटा। इस घटना में शुक्रवार (5 अप्रैल) को अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
दरअसल, अशोक दास नौकरी की तलाश में नॉर्थ ईस्ट के राज्य अरुणाचल प्रदेश से केरल आए थे। वे मुवत्तुपुझा के वलाकम में किराए के मकान में रह रहे थे। अशोक एक रेस्टोरेंट में रसोइये के रूप में काम कर रहे थे। इसी इलाके में उनकी एक महिला परिचित रहती थी। वे घटना वाले दिन उससे मिलने के लिए गए थे।
FIR के अनुसार, महिला से मिलने के वक्त जब वे जा रहे थे तभी स्थानीय लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। भीड़ उनसे सवाल-जवाब करने लगी। जब उन्होंने गुस्साई भीड़ से बचकर भागने की कोशिश की तो भीड़ ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। भीड़ में शामिल लोगों ने पहले तो उन्हें रोड के किनारे एक लैंप पोस्ट से बांध दिया और फिर बर्बर तरीक से उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद जब वे अधमरी हालत में आ गए तब भीड़ ने उन्हें लहूलुहान हालत में सड़क पर ही छोड़ दिया।
इस पिटाई से उनकी छाती और सिर में गहरी चोटें आईं। अशोक को गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें कोलेनचेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां पर उनका इलाज चल रहा था, लेकिन चोटों के कारण 5 अप्रैल को उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके लोगों की पहचान शुरू कर दी। पीड़ित की मौत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 को भी शामिल कर दिया है, जो हत्या से संबंधित है।
केरल पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाकियों की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना कि वह उन परिस्थितियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिनके कारण यह हमला हुआ।
बता दें कि पिछले साल मई में बिहार के एक श्रमिक की भी केरल के मलप्पुरम जिले में चोरी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान राजेश मांझी के रूप में हुई थी। भीड़ ने चोरी के शक में उसे पकड़ा और फिर बाँधकर पिटाई की थी। पुलिस को इस मामले में 9 लोगों को हिरासत में लिया गया था।