रायपुर। देश में महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जिसके तहत सरकार ऐसी कई योजनाएं लॉन्च कर रही है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपनी पहचान बना सकती है। नमो ड्रोन दीदी योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित ऐसी ही एक अनूठी योजना है। जिसके तहत महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल की गई है। योजना का लाभ उठाकर प्रदेश की महिलाएं सफलता की ओर अग्रसर है।
आज सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम बालोद में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद निवासी चित्ररेखा साहू को ड्रोन की चाबी सौंपी। ड्रोन दीदी बनकर अब चित्ररेखा आधुनिक कृषि में अपना योगदान देंगी। इसके जरिए वह कमाई भी कर सकेंगी जिससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। सरकार की ओर से ड्रोन चलाने की फ्री ट्रेनिंग भी दी गई है।
ड्रोन की चाबी पाकर चित्ररेखा काफी खुश हुई और सरकार के प्रति आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से महिलाएं आधुनिक कृषि की ओर अग्रसर तो हो ही रही है। साथ ही उन्हें अपने गांव घर के आसपास आजीविका का भी साधन मिल रहा है। ड्रोन दीदी योजना किसानों की सहूलियत के लिए बहुत बड़ा माध्यम बन रहा है। ड्रोन के माध्यम से दवाई छिड़काव की सुविधा मिलने से फसल उत्पादन लागत में कमी आ रही है। साथ ही निर्धारित क्षेत्र में एकरूपता से दवाई का छिड़काव हो रहा है। इससे फसल का उत्पादन बढ़ रहा है और किसानों को अधिक आर्थिक लाभ हो रहा है।
चित्ररेखा ने बताया कि ड्रोन दीदी योजना से कृषि में आने वाली समस्याएं भी कम हुई है। बरसात में किसानों को खेत के अंदर जाकर दवाई छिड़काव में दिक्कत होती है। कीड़ा मकोड़ा यदि खेत के अंदर है तो सावधानी बरतनी पड़ती है। ऐसे में मेड़ पर खड़े होकर ड्रोन से काम कर सकते हैं। साथ ही आसानी से दवाई का छिड़काव किया जा सकता है। चित्ररेखा ने बताया कि उनकी पढ़ाई कक्षा 12 वी तक हुई है। परिवार में पति व तीन बच्चे हैं। खेतीबाड़ी कर जीविकोपार्जन चलता है। सरकार की योजना से अब उन्हें आजीविका का नया साधन मिल गया है। इससे परिवार के भरण पोषण और बच्चों की पढ़ाई लिखाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कि मेरे जैसी हजारों बहनें आगे आएं और ड्रोन दीदी बनें। बहुत सारी दीदियां हमारे साथ में ड्रोन दीदी के नाम से पहचाने जाएंगे और सरकार की योजना का लाभ उठा पाएंगे।