बिलासपुर। रायपुर के बाद अब छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में गौ तस्करी का मामला सामने आया है। यहां गुरुवार की देर रात गायों की तस्करी करते हुए गौ तस्करों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रंगे हाथों पकड़ा है। इन तस्करों के चंगुल से कुल 13 से ज्यादा मवेशियों को आजाद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, ये तस्कर भटगांव के गौठान से गायों की तस्करी कर रहे थे। पकड़े गए सभी तस्कर भटगांव और तेलंगाना के रहने वाले है। पूरा मामला बिल्हा क्षेत्र का है। सभी तस्करों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
100 गायों के साथ रायपुर में भी पकड़ाए थे गौ तस्कर
बता दें की मंगलवार की आधी रात रायपुर शहर में भी बड़े पैमाने पर गायों की तस्करी करते गौ तस्कर पकड़ाए थे। बिलासपुर से रायपुर की ओर जा रही एक कंटेनर को ग्रामीणों ने पकड़ा। कंटेनर में 100 से ज्यादा गायों और गोवंश को रखा गया था। इनमें 13 गाय मृत मिलीं। इसकी शिकायत पर आमानाका पुलिस ने अज्ञात मवेशी तस्करों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पुलिस के मुताबिक बिलासपुर से रायपुर की ओर आ रही रात 11.30 बजे एक कंटेनर में मवेशी होने की सूचना पर कुछ गोसेवक उसे रुकवाने लगे। कंटेनर चालक ने गाड़ी नहीं रोकी, तो गोसेवक उसके पीछे लग गए। कंटेनर टाटीबंध बायपास होते हुए हीरापुर के पास पहुंची, तो लोगों ने पकड़ा। इस दौरान कंटेनर में सवार तस्कर उतरकर भाग निकले।
सदन में गूंजा गायों की तस्करी का मुद्दा
विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के विधायकों ने गायों की तस्करी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। सरकार को घेरते हुए विधायकों ने गो-तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो राजधानी से कंटेनर में गाय की तस्करी कर रहे हैं। 13 गायों की मौत हो गई है। इसमें सरकार का वक्तव्य आना चाहिए। इसे लेकर विपक्ष के विधायकों ने जमकर नारेबाजी भी की। विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण समाप्त होने के बाद विपक्ष के विधायक विक्रम मंडावी और रामकुमार यादव ने इस मुद्दे को उठाया। यह छत्तीसगढ़ की पहली घटना है।
100 गायों को कंटेनर में बंद कर ले जाया जा रहा था। विधायक द्वारिकाधीश यादव ने कहा, यह गो-माता का विषय है। आखिर तस्करों के पास इतनी शक्ति कैसे आ गई है। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा, गंभीर विषय पर आप लोगों ने ध्यान आकर्षित कराया है। सरकार के ध्यान में बात आ गई है।