लाइफस्टाइल

Child Character: पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद के साथ-साथ बच्चों से करवाएं ये काम, बदल जाएगा जीवन

Child Character Development: अक्‍सर हम घर के छोटे बच्‍चों से कामकाज कराना अमानवीय समझते हैं और ये मानते हैं जब वो बड़े हो जाएंगे तो आपने आप ही काम सीख जाएंगे. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि अगर आप छोटी उम्र से ही बच्‍चों को अपने साथ‍ घरेलू कामकाज में शामिल करें तो ये ना केवल उनके लिए मनोरंजन से भरपूर होता है बल्कि उनकी पर्सनैलिटी को निखारने में भी काफी मदद करता है.

सीखते हैं बच्चे 

घर का काम काम करने वाले बच्‍चों में आत्‍मसम्‍मान बढ़ता है और इसकी मदद से बड़ी आसानी से उनमें लाइफ स्किल को बढ़ाया जा सकता है. ये स्किल जीवनभर उनके काम आती है. वो हर उम्र में आत्‍मविश्‍वास से भरपूर रहते हैं. यही नहीं, उनमें लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है और वो घर का प्रबंधन में भागीदारी सीख पाते हैं.

घरेलू काम सिखाने के फायदे

टीम वर्क

जब बच्‍चे कम उम्र से ही माता-पिता के काम में मदद करते हैं तो इससे उनको काफी कुछ सीखने को मिलता है. उनके अंदर ये समझ आती है कि टीम वर्क क्‍या चीज है और इसे किस तरह साथ मिलकर करना चाहिए.

बढ़ता है आत्‍मविश्‍वास

जब बच्‍चे अपना ब्रेकफास्‍ट खुद तैयार करने लगते हैं या अपने रूम की क्‍ल‍ीनिंग खुद करने लगते हैं तो उनके अंदर एक विश्‍वास पैदा होने लगता है कि कोई भी काम सीखना या करना उनके लिए मुश्किल नहीं है. इस तरह उनके अंदर खुद के प्रति विश्‍वास बढ़ता है.

बराबरी की समझ

काम के लिए कोई उम्र या जेंडर की जरूरत नहीं होती, ये बात बच्‍चों को जितनी जल्‍द समझ आ जाए, अच्‍छा होता है. इस तरह उनके अंदर ये समझ पैदा होती है कि घर का हर काम मिलजुल कर करना चाहिए. इस तरह उनके अंदर जेंडर इक्‍वैलिटी की समझ पैदा हो जाती है.

लाइफ स्किल की समझ

लाइफ स्किल यानी कि जरूरत पड़ने पर खुद की जरूरतों को खुद पूरा करने का स्किल. जी हां, हो सकता है कि छोटे बच्‍चों के साथ काम करना आपके लिए मुश्किल हो, हो सकता है कि वो किचन गंदा करते हों, लेकिन यकीन मानिए, टीन एज में जाते-जाते वो इतने तैयार हो जाएंगे कि अपना ही नहीं, परिवार के अन्‍य सदस्‍यों की भी देखभाल कर सकेंगे.

जिम्‍मेदारियों की समझ

बच्‍चों में जब लाइफ स्किल डेवलप होने लगती है तो उनके अंदर चीजों के प्रति जिम्‍मेदारियां भी पैदा होने लगती है. मसलन, स्‍कूल से आकर जूतों को पहले ही पॉलिशकर रखना, थकान के बावजूद अपने लिए नाश्‍ता तैयार कर लेना, घर की सुरक्षा का ध्‍यान आदि. इसलिए प्रयास करें कि बच्‍चों को कम उम्र से ही अपने साथ घर के काम में शामिल करें और उनके व्‍यक्तित्‍व को निखारने के लिए उन्‍हें मौका दें.

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