लखनऊ। लोहिया अस्पताल में एक मरीज का गलत ऑपरेशन होने के कारण उसकी मौत हो जाने के मामले में अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग होम पर 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा जुर्माना 30 दिनों के अंदर ही भरने का आदेश दिया गया है। दरअसल लोहिया अस्पताल के एक चिकित्सक ने गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या से जूझ रहे युवक का गलत ऑपरेशन कर दिया था। जिसके कारण युवक की मौत हो गई थी।
फतेहपुर निवासी ज्ञान देव शुक्ला ने राज्य उपभोक्ता आयोग में दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया है कि उनके बेटे शिवम शुक्ला के गॉल ब्लैडर में पथरी थी। इसका इलाज उन्होंने लोहिया अस्पताल में कराया। अस्पताल के सर्जन डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने शिवम के कई टेस्ट करवाए फिर ऑपरेशन करने को कहा। लोहिया हॉस्पिटल में दूरबीन विधि से ऑपरेशन सुविधा होने के बावजूद डॉ. अरुण ने हाईकोर्ट के पास स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम लगायत सर्जिकल क्लिनिक में इलाज कराने की बात कही।
शिवम 20 जुलाई 2015 को नर्सिंग होम में शिवम को ग्लूकोज चढ़ाने के साथ ही ऑपरेशन आदि के लिए 40 हजार रुपए वसूले गए। ऑपरेशन के बाद शिवम की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टर अरुण ने शिवम को लोहिया अस्पताल भिजवाया। यहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। परिजनों ने इसकी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद ज्ञान देव शुक्ला ने राज्य उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
आयोग ने डॉ. अरुण श्रीवास्तव और लगायत सर्जिकल क्लीनिक प्रबंधन को मरीजों की सेवा में त्रुटि होने का दोषी माना है। डॉ. अरुण को पीड़ित पक्ष को 25 लाख रुपए और नर्सिंग होम संचालक को 50 लाख रुपए हर्जाना देने का आदेश सुनाया है। दोनों राशियों पर 20 जुलाई 2015 से 12% सालाना ब्याज दिया जाएगा। मुकदमा खर्च आदि मानसिक प्रताड़ना सबको देखते हुए कुल जुर्माना 1.27 करोड़ रुपए 30 दिनों के भीतर पीड़ित परिवार को देने के आदेश दिए गए हैं।