Raipur – नगर निगम और नगर प्रशाशन के व्यवहार से परेशान होकर एक युवती ने हाई – कोर्ट से गुहार लगाई। वह हाई कोर्ट में अपनी परेशानी बताते -बताते रो पड़ी बोली की मुझे फांसी लगा दीजिये। मै अब और नहीं रहना चाहती हु। उनका कहना था कि स्वतंत्रता संग्रमा सेनानी के नाम पर मिली जमीन को रायपुर निगम के महापौर हड़पना चाहते हैं।आधा अधूरा दस्तावेज से फैसला भी कुछ इसी तरह होगा। ऐसे में आपको न्याय कैसे मिल पाएगा। कानूनी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए जस्टिस अग्रवाल ने दोबारा कहा कि अगली सुनवाई से पहले याचिका के संबंधित पूरा दस्तावेज पेश करें। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सुनवाई की तिथि कब निर्धारित की जाए। कोर्ट ने उनकी सुविधानुसार तिथि तय करने और तिथि से पहले दस्तावेज पेश करने की बात कही।
युवती का आरोप है कि महापौर के इशारे पर निगम प्रशासन लगातार उसे परेशान कर रहा है। जब वह अपने हिस्से की जमीन पर मकान बनाने की कोशिश करती है तो निगम प्रशासन पहुंच जाता है और एक्सीवेटर के जरिए तोड़फोड़ कर चले जाता है। इससे उसे आर्थिक नुकसान के साथ ही साथ मानसिक परेशानी भी हो रही है।
युवती ने कोर्ट से मांग की है कि महापौर और निगम प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उसे जमीन पर मकान बनाने की अनुमति दी जाए।
कोर्ट ने युवती की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने युवती से कहा है कि अगर वह पूरा दस्तावेज पेश नहीं करती हैं तो प्रकरण की सुनवाई कैसे करेंगे। आधा अधूरा दस्तावेज से फैसला भी कुछ इसी तरह होगा। ऐसे में आपको न्याय कैसे मिल पाएगा।
कोर्ट ने युवती से कहा है कि वह अगली सुनवाई से पहले याचिका के संबंधित पूरा दस्तावेज पेश करें। कोर्ट ने युवती से पूछा कि सुनवाई की तिथि कब निर्धारित की जाए। कोर्ट ने उसकी सुविधानुसार तिथि तय करने और तिथि से पहले दस्तावेज पेश करने की बात कही। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्षी पार्टियां महापौर और निगम प्रशासन पर आरोप लगा रही हैं कि वे जमीन हड़पने के लिए एक युवती को परेशान कर रहे हैं।
मोतीबाग के पास है जमीन
युवती की याचिका के अनुसार, उसके नाना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। राज्य शासन ने उन्हें जीवन निर्वाह के लिए मोतीबाग के पास भूखंड का आवंटन किया था। इस भूखंड में युवती अपने परिवार के साथ रहती है। युवती का आरोप है कि महापौर और निगम प्रशासन उसके नाना के नाम पर मिली जमीन को हड़पना चाहते हैं। इस उद्देश्य से वे उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। जब वह अपने हिस्से की जमीन पर मकान बनाने की कोशिश करती है तो निगम प्रशासन पहुंच जाता है और एक्सीवेटर के जरिए तोड़फोड़ कर देता है। इससे उसे आर्थिक नुकसान के साथ ही साथ मानसिक परेशानी भी हो रही है।
युवती का कहना है कि यह मामला 2017 से चल रहा है। छह साल बाद भी उसे न्याय नहीं मिल पाया है। इस बीच निगम की दखलंदाजी भी लगातार बढ़ती जा रही है। जमीन बेशकीमती होने के कारण भूमाफिया की भी नजर उस पर लगी हुई है। कोर्ट ने युवती की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने युवती से कहा है कि अगर वह पूरा दस्तावेज पेश नहीं करती हैं तो प्रकरण की सुनवाई कैसे करेंगे। आधा अधूरा दस्तावेज से फैसला भी कुछ इसी तरह होगा। ऐसे में आपको न्याय कैसे मिल पाएगा।
कोर्ट ने युवती से कहा है कि वह अगली सुनवाई से पहले याचिका के संबंधित पूरा दस्तावेज पेश करें। कोर्ट ने युवती से पूछा कि सुनवाई की तिथि कब निर्धारित की जाए। कोर्ट ने उसकी सुविधानुसार तिथि तय करने और तिथि से पहले दस्तावेज पेश करने की बात कही। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्षी पार्टियां महापौर और निगम प्रशासन पर आरोप लगा रही हैं कि वे जमीन हड़पने के लिए एक युवती को परेशान कर रहे हैं।