रायपुर। फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग क्रमांक 1 बिलासपुर में उप अभियंता के पद पर उमंग गौराहा पिता उमेश गौराहा कार्यरत है। इन्होंने फर्जी विकलांगता के आधार पर नौकरी प्राप्त की। बिलासपुर के वार्ड क्रमांक 66 पंडित शिव दुलारे वार्ड की पार्षद पुष्पा तिवारी ने आरटीआई के माध्यम से ऐसे पत्रों की प्राप्ति की है और यह बताया है कि उमंग गौराहा फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इस बात को सामने लाने का एकमात्र उद्देश्य वास्तविक हकदारों को नौकरी दिलाना है। ऐसे फर्जी लोगों को कार्य से बाहर करना है, जो गलत प्रमाण पत्र कर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं और योग्य वंचित हो जाते हैं। हाई कोर्ट बिलासपुर के प्रकरण क्रमांक जनहित की याचिका क्रमांक 36 2023 में छत्तीसगढ़ विकलांगता सेवा संघ की याचिका में यह निर्णय आया है कि उमंग् गौराहा ने श्रवण बाधित विकलांगता प्रमाण पत्र पेश कर नौकरी प्राप्त की थी। अब या न्यायालय ने उक्त प्रमाण पत्र को सत्यापन के लिए जिला मेडिकल बोर्ड के पास भेजा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की प्रमाण पत्र असली है या नकली जांच चल रही है। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं संचनालय नया रायपुर से इस बात की जांच कराई जा रही हैहीं उमंग गौराहा की बारे में बताया जाता है कि इससे पहले जिला पंचायत बिलासपुर में जिला पंचायत समन्वय संविदा आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण मैं सामान्य वर्ग के पद पर नौकरी प्राप्त की थी और कार्य कर रहे थे।
जांच के दौरान उनके श्रवण बाधित प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया और तत्काल आदेश के आधार पर पंचायत के आदेश क्रमांक 4366 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण 2018 के निर्णय के आधार पर नौकरी से पृथक किया गया है इस बात से भी या स्पष्ट हो जाता है की उमंग गौराहा जैसे कई कर्मचारी लोक निर्माण विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त कर रहे हैं सवाल यह उठता है कि इस गलती के लिए उमंग गौराहा दोषी है या वह लोग दोषी हैं जो प्रमाण पत्र बना कर देते हैं।
सभी की जांच होनी चाहिए सूत्रधार बताते हैं की उमंग गौराहा जैसे लोगों से पैसा प्राप्त कर एक रैकेट फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का काम कर रहा है, जो विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्था के अंदर घुसपैठ कर चुका है और हाईकोर्ट ने बेनकाब करने के लिए जांच शुरू की है पिछले दिनों विधानसभा का सत्र के दौरान नग्न प्रदर्शन में भीम आर्मी के सदस्यों ने उक्त मांग को उठाते हुए सत्र के दौरान प्रदर्शन किया था और नौकरी प्राप्त किया लोगों पर कार्रवाई की मांग की थी ताकि वंचित को नौकरी मिल सके और गलत करने वालों को दंडित किया जा सके फिलहाल संचालक स्वास्थ्य सेवाएं संचालन नया रायपुर छत्तीसगढ़ उक्त आरोप की जांच कर रहा है।